प्रमेय केवल यह कहता है कि बारंबारता की संभाव्यता से संपात की संभावना अधिकाधिक हो जाती है, और यह, अपने आपसे, अंत में भी वास्तविक बारंबारता के विषय में किसी निष्कर्ष का समाश्वासन नहीं देता।
2.
प्रमेय केवल यह कहता है कि बारंबारता की संभाव्यता से संपात की संभावना अधिकाधिक हो जाती है, और यह, अपने आपसे, अंत में भी वास्तविक बारंबारता के विषय में किसी निष्कर्ष का समाश्वासन नहीं देता।